स्वामी दयानंद सरस्वती के 60 अनमोल विचार | Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi
स्वामी दयानंद सरस्वती जी का जन्म 1824 में गुजरात के टंकारा नामक स्थान में हुआ था । उनका जन्म नाम मूलशंकर था । उनका परिवार शैव सम्प्रदाय का अनुयायी था। धर्म सुधार हेतु अग्रणी रहे दयानंद सरस्वती ने 1875 में मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की थी। वेदों का प्रचार करने के लिए उन्होंने पूरे देश का दौरा करके पंडित और विद्वानों को वेदों की महत्ता के बारे में समझाया। स्वामी जी ने धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को पुन: हिंदू बनने की प्रेरणा देकर शुद्धि आंदोलन चलाया। 1886 में लाहौर में स्वामी दयानंद के अनुयायी लाला हंसराज ने दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज की स्थापना की थी। उन्होंने जातिवाद और बाल-विवाह का विरोध किया और नारी शिक्षा तथा विधवा विवाह को प्रोत्साहित किया। उनका कहना था कि किसी भी अहिन्दू को हिन्दू धर्म में लिया जा सकता है। इससे हिंदुओं का धर्म परिवर्तन रूक गया। उनके द्वारा लिखी गयी कुछ प्रचलित पुस्तके हैं –
सत्यार्थ – प्रकाश
ॠग्वेद भूमिका
वेदभाष्य
संस्कार निधी
व्यवहार भानू
30 अक्टूबर 1883 को अजमेर, राजस्थान में किसी ने स्वामी दयानंद सरस्वती जी को खाने की किसी वस्तु में जहर खिला दिया था। जिसके कारण उनका देहांत हो गया और एक महान संत स्वर्ग को सिधार गया । आइये पढ़ते है स्वामी दयानंद सरस्वती के 600 अनमोल विचार | Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi
Swami Dayanand Saraswati Quote 1 :-
दुनिया को अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिये और आपके पास सर्वश्रेष्ठ लौटकर आएगा। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 2 :-
अगर आप पर हमेशा ऊँगली उठाई जाती रहे तो आप भावनात्मक रूप से अधिक समय तक खड़े नहीं हो सकते । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi 3 :-
लोगों को कभी भी चित्रों की पूजा नहीं करनी चाहिए, मानसिक अन्धकार का फैलाव मूर्ति पूजा के प्रचलन की वजह से है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 4 :-
भगवान का ना कोई रूप है ना रंग है, वह अविनाशी और अपार है, जो भी इस दुनिया में दिखता है वह उसकी महानता का वर्णन करता है । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
स्वामी दयानंद सरस्वती जी के विचार 5 :-
नुक्सान से निपटने में सबसे ज़रूरी चीज है उससे मिलने वाले सबक को ना भूलना. वो आपको सही मायने में विजेता बनाता है।– स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 6 :-
आप दूसरों को बदलना चाहते हैं ताकि आप आज़ाद रह सकें. लेकिन, ये कभी ऐसे काम नहीं करता. दूसरों को स्वीकार करिए और आप मुक्त हैं। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati thought 7 :-
इंसान को दिया गया सबसे बड़ा संगीत यंत्र आवाज है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 8 :-
ईश्वर पूर्ण रूप से पवित्र और बुद्धिमान है. उसकी प्रकृति, गुण, और शक्तियां सभी पवित्र हैं। वह सर्वव्यापी, निराकार, अजन्मा, अपार, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिशाली, दयालु और न्याययुक्त है । वह दुनिया का रचनाकार, रक्षक, और संघारक है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 9 :-
जीवन में मृत्यु को टाला नहीं जा सकता. हर कोई ये जानता है, फिर भी अधिकतर लोग अन्दर से इसे नहीं मानते- ‘ये मेरे साथ नहीं होगा.’ इसी कारण से मृत्यु सबसे कठिन चुनौती है जिसका मनुष्य को सामना करना पड़ता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
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Swami Dayanand Saraswati Quote 10 :-
आत्मा अपने स्वरुप में एक है, लेकिन उसके अस्तित्व अनेक हैं । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati thought 11 :-
लोग कहते हैं कि वे समझते हैं कि मैं क्या कहता हूं और मैं सरल हूं. मैं सरल नहीं हूँ, मैं स्पष्ट हूं। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi 12 :-
इंसान की आत्मा परमात्मा का ही अंश होता है जिसे हम अपने कर्म से गति प्रदान करते है ,और फिर आत्मा हमारी दशा को तय करती है । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
स्वामी दयानंद सरस्वती जी के विचार13 :-
प्रबुद्ध होना- ये कोई घटना नहीं हो सकती. जो कुछ भी यहाँ है वह अद्वैत है. ये कैसे हो सकता है? यह स्पष्टता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 14 :-
ये ‘शरीर‘ ‘नश्वर‘ है, हमे इस शरीर के जरीए सिर्फ एक मौका मिला है, खुद को साबित करने का कि, ‘मनुष्यता‘ और ‘आत्मविवेक‘ क्या है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 15 :-
जो व्यक्ति सबसे कम ग्रहण करता है और सबसे अधिक योगदान देता है वह परिपक्कव है, क्योंकि जीने में ही आत्म-विकास निहित है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
स्वामी दयानंद सरस्वती जी के विचार 16 :-
छात्र की योग्यता ज्ञान अर्जित करने के प्रति उसके प्रेम, निर्देश पाने की उसकी इच्छा, ज्ञानी और अच्छे व्यक्तियों के प्रति सम्मान, गुरु की सेवा और उनके आदेशों का पालन करने में दिखती है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 17 :-
वर्तमान जीवन का कार्य अन्धविश्वास पर पूर्ण भरोसे से अधिक महत्त्वपूर्ण है । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote in Hindi 18 :-
वह अच्छा और बुद्धिमान है जो हमेशा सच बोलता है, धर्म के अनुसार काम करता है और दूसरों को उत्तम और प्रसन्न बनाने का प्रयास करता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 19 :-
वेदों मे वर्णीत सार का पान करनेवाले ही ये जान सकते हैं कि ‘जिन्दगी‘ का मूल बिन्दु क्या है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Thought20:-
कोई मूल्य तब मूल्यवान है जब मूल्य का मूल्य स्वयम के लिए मूल्यवान हो। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi21 :-
मद ‘मनुष्य की वो स्थिति या दिशा‘ है, जिसमे वह अपने ‘मूल कर्तव्य‘ से भटक कर ‘विनाश‘ की ओर चला जाता है – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 22 :-
संस्कार ही ‘मानव‘ के ‘आचरण‘ का नीव होता है, जितने गहरे ‘संस्कार‘ होते हैं, उतना ही ‘अडिग‘मनुष्य अपने ‘कर्तव्य‘ पर, अपने ‘धर्म‘ पर, ‘सत्य‘ पर और ‘न्याय‘ पर होता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Hindi Thought 23 :-
क्योंकि मनुष्यों के भीतर संवेदना है, इसलिए अगर वो उन तक नहीं पहुँचता जिन्हें देखभाल की ज़रुरत है तो वो प्राकृतिक व्यवस्था का उल्लंघन करता है ।– स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 24 :-
हमें पता होना चाहिए कि भाग्य भी कमाया जाता है और थोपा नहीं जाता. ऐसी कोई कृपा नहीं है जो कमाई ना गयी हो। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
स्वामी दयानंद सरस्वती जी के विचार25 :-
अज्ञानी होना गलत नहीं है, अज्ञानी बने रहना गलत है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
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Swami Dayanand Saraswati Quote 26 :-
अपने सामने रखने या याद करने के लिए लोगों की तसवीरें या अन्य तरह की पिक्चर लेना ठीक है. लेकिन भगवान् की तसवीरें और छवियाँ बनाना गलत है । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 27 :-
अगर ‘मनुष्य‘ का मन ‘शाँन्त‘ है, ‘चित्त‘ प्रसन्न है, ह्रदय ‘हर्षित‘ है, तो निश्चय ही ये अच्छे कर्मो का‘फल‘ है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 28 :-
मोह जाल की तरह होता है । इसमें जो फस गया वह पूरी तरह से उलझ जाता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote in Hindi 29 :-
हालांकि संगीत भाषा, संस्कृति और समय से परे है, और नोट समान होते हुए भी भारतीय संगीत अद्वितीय है क्योंकि यह विकसित है, परिष्कृत है और इसमें धुन को परिभाषित किया गया है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Thought 30 :-
काम करने से पहले उसके बारे में सोचना बुद्धिमानी है ,और यदि काम करते हुए उस पर सोचना सतर्कता होती है , और यदि आप काम ख़त्म करने के बाद सोचते हो तो आप मुर्ख हो। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Hindi Quote 31 :-
धन एक वस्तु है जो ईमानदारी और न्याय से कमाई जाती है. इसका विपरीत है अधर्म का खजाना । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 32 :-
लालच वह अवगुण होता है , जो प्रत्येक दिन बढ़ता ही जाता है । जब तक इंसान का पतन नहीं हो जाता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 33 :-
वेदों-पुराणों में जो कुछ बताया गया । उसका पान करने के बाद हम ये जान सके क़ि जिन्दगी का उद्देश्य क्या है । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Thought 34 :-
ईष्या से इंसानो को दूर रहना चाहिए। क्योकि ईष्या इंसान के अंदर ही अंदर जलाती है और इंसानो को उनके रास्ते से भटकाकर उन्हें नष्ट कर देती है । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi 35 :-
जीह्वा को उसे व्यक्त करना चाहिए जो ह्रदय में है । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 36 :-
एक इंसान को अपने नश्वर शरीर के बजाय ईश्वर से प्रेम करना चाहिए और सत्य और धर्म से प्यार करना चाहिए । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 37 :-
किसी भी रूप में प्रार्थना प्रभावी है क्योंकि यह एक क्रिया है। इसलिए, इसका परिणाम होगा, यह इस ब्रह्मांड का नियम है जिसमें हम खुद को पाते हैं । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
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Swami Dayanand Saraswati Quote 38 :-
आत्मा, ‘परमात्मा‘ का एक अंश है, जिसे हम अपने ‘कर्मों‘ से ‘गति‘ प्रदान करते है। फिर ‘आत्मा‘हमारी ‘दशा‘ तय करती है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote in Hindi 39 :-
निरीह सुख सद गुणों और सही ढंग से अर्जित धन से मिलता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 40 :-
जब एक इंसान अपने क्रोध पर विजय हासिल कर लेता है , अपने काम को काबू में कर लेता है, ” यश “की इच्छा को त्याग देता है ,मोह माया से दूर चला जाता है ।तब उसके अंदर एक अदभुत शक्तियां आ जाती है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
स्वामी दयानंद सरस्वती जी के विचार41 :-
मुझे सत्य का पालन करना पसंद है; बल्कि, मैंने औरों को उनके अपने भले के लिए सत्य से प्रेम करने और मिथ्या को त्यागने के लिए राजी करने को अपना कर्त्तव्य बना लिया है. अतः अधर्म का अंत मेरे जीवन का उदेश्य है । – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Thought 42 :-
उपकार बुराई का अंत करता है, सदाचार की प्रथा का आरम्भ करता है, और लोक-कल्याण तथा सभ्यता में योगदान देता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi43 :-
सबसे उच्च कोटि की सेवा ऐसे व्यक्ति की मदद करना है जो बदले में आपको धन्यवाद कहने में असमर्थ हो। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 44 :-
जो कभी सुबह और शाम प्रार्थना नहीं करता है वह शूद्र के रूप में बुलाया जाता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 45 :-
कोई भी मानव हृदय सहानुभूति से वंचित नहीं है. कोई धर्म उसे सिखा-पढ़ा कर नष्ट नहीं कर सकता. कोई संस्कृति, कोई राष्ट्र कोई राष्ट्रवाद- कोई भी उसे छू नहीं सकता क्योंकि ये सहानुभूति है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi46 :-
काम’ मनुष्य के ‘विवेक’ को भरमा कर उसे पतन के मार्ग पर ले जाता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quotes 47 :-
लोभ कभी समाप्त न होने वाला रोग है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
स्वामी दयानंद सरस्वती जी के विचार48 :-
इन्सान का गलत काम ही उस इंसान के विवेक को भ्रामित करके उसे पतन के रास्ते पर लेकर जाता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 49 :-
जिसको परमात्मा और जीवात्मा का यथार्थ ज्ञान, जो आलस्य को छोड़कर सदा उद्योगी, सुख दुःखआदि का सहन, धर्म का नित्य सेवन करने वाला, जिसको कोई पदार्थ धर्म से छुड़ा कर अधर्म की ओर न खेंच सके वह पण्डित कहाता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quotes in hindi50:-
जिसने गर्व किया, उसका पतन अवश्य हुआ है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 51:-
जो मनुष्य दूसरों का मांस खाकर अपना मांस बढ़ाना चाहता है, उससे बढ़कर नीच और कौन होगा। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 52 :-
मॉफी दे देना है हर किसी के वश की बात नहीं है क्योंकि ये बहुत बहुत विवेकशील लोगो की बात होती है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi 53 :-
कोई कितना ही करे परन्तु जो स्वदेशीय राज्य होता है, वह सर्वोपरि उत्तम होता है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Thought 54 :-
जो लोग दूसरे लोगों की मदद करते है । वह लोग एक तरह से भगवान की मदद करते है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 55 :-
मनुष्य की विद्या उसका अस्त्र, धर्म उसका रथ, सत्य उसका सारथी और भक्ति रथ के घोङे होते है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 56 :-
मानव को अपने पल-पल को आत्मचिन्तन मे लगाना चाहिए, क्योकी हर क्षण हम परमेश्वर द्वार दिया गया ‘समय‘ खो रहे है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
स्वामी दयानंद सरस्वती जी के विचार57 :-
यश और कीर्ति ऐसी विभूतियाँ है, जो मनुष्य को संसार के माया जाल से निकलने मे सबसे बङे‘अवरोधक‘ होते है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi58:-
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दुनिया में सबसे बढ़िया संगीत का साधन इंसान की आवाज होती है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 59:-
वेदों मे वर्णित सार का पान करनेवाले ही ये जान सकते हैं कि ‘जिन्दगी‘ का मूल बिन्दु क्या है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
Swami Dayanand Saraswati Quote 60 :-
जिस इंसान ने अहंकार किया, उसका विनाश होना निश्चित है। – स्वामी दयानंद सरस्वती | Swami Dayanand Saraswati
तो दोस्तों आशा है कि स्वामी दयानंद सरस्वती के 60 अनमोल विचार | Swami Dayanand Saraswati Quotes in Hindi पढ़कर आपको अच्छा लगा होगा और आपके अंदर किसी भी काम को करने के लिए एक नयी उर्जा मिली होगी । इस आप अपने विचार और राय नीचे comment बॉक्स में लिख सकते हैं। और ऐसे ही अन्य महान व्यक्तियों के अनमोल और प्रेरणादायी विचार | Hindi Motivational quotes and thoughts आप नीचे पढ़ सकते हैं ।